जागरण वार्षिक समारोह में अमिताभ बच्चन
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सभी धर्म अंतिम रूप से एक ही मुख्य उद्देश्य को रेखांकित करते हैं, सभी धर्म मूल रूप से एक ही तरह की बात करते हैं और वह है आत्म जागरण. अमिताभ के अनुसार सभी धर्मों का सार एक ही है इसलिए भटकाव की जरूरत नहीं. इसको उन्होंने मधुशाला की निम्न पंक्तियां सुना कर पुष्ट किया:
मदिरालय जाने को घर से चलता है पीने वाला, किस पथ से जाऊं असमंजस में है वो भोला-भाला, अलग-अलग पथ बतलाते सब पर मैं ये बतलाता हूं, कि राह पकड़ तू एक चलाचल, पा जाएगा मधुशाला.
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