जागरण वार्षिक समारोह में अमिताभ बच्चन
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लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी के साथ ही व्यक्तियों के बीच पारस्परिक संबंध कैसे हैं, ये भी महत्वपूर्ण है. अधिकार के साथ कर्तव्य स्वयं ही जुड़ जाते हैं. अमिताभ कहते हैं कि मेरा मानना है कि जीवन प्रतिपल एक चुनौती है. मैं इसी आशा में हर रात सोता हूं कि सुबह होने पर मुझे एक नयी चुनौती मिले और मैं उससे लड़ सकूं और जूझ सकूं. एक क्रिएटिव आर्टिस्ट को कभी भी संतुष्ट नहीं होना चाहिए क्योंकि यदि वह संतुष्ट हो गया तो फिर वह नए सृजन नहीं कर सकेगा.
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